जमींदार, आप और अपने समाज को लेकर रहिये घर और घाट पर.......।मैं जा रहा हूँ पढने शहर और ब जमींदार, आप और अपने समाज को लेकर रहिये घर और घाट पर.......।मैं जा रहा हूँ पढने श...
अब हम चारो को कभी कहीं नहीं जाने देंगे, कुछ भी हो जाए”। गोपाल के मुख से भी निकल पड़ा. अब हम चारो को कभी कहीं नहीं जाने देंगे, कुछ भी हो जाए”। गोपाल के मुख से भी निकल ...
किसी बात से परेशान है । तन्वी का मन भी परेशान हो उठा। उसने रुचिर को देखा। किसी बात से परेशान है । तन्वी का मन भी परेशान हो उठा। उसने रुचिर को देखा।
"जलता तो मैं हूँ फिर तुम क्यों रोती हो?" "जलता तो मैं हूँ फिर तुम क्यों रोती हो?"
देख न निगोड़ी ‘कोरोना ‘महामारी बन कर पूरी दुनिया को खा रही है; देख न निगोड़ी ‘कोरोना ‘महामारी बन कर पूरी दुनिया को खा रही है;
तुम इस तरह बात करते–करते रिक्शा चला रहे हो कि कभी भी तुम्हारे रिक्शे का बैलेंस जा सकता तुम इस तरह बात करते–करते रिक्शा चला रहे हो कि कभी भी तुम्हारे रिक्शे का बैलेंस ...